Truth of Caste System (Part-l)
विचार करने का विषय है कि सभी मनुष्यों को प्रकृति ने एक समान बनाया है। सभी मनुष्यों को बुद्धि एक समान दी है शरीर एक समान दिया है, फिर यह अलग अलग जाती वा भर्गो में कैसे बंट गए। किस तर्क के आधार पर मनुष्यों का विभाजन हुआ। आईए वेदों के माध्यम से जानने का प्रयत्न करें
जन्मना जायते शूद्रः
संस्कारात् भवेत् द्विजः |
वेद-पाठात् भवेत् विप्रः
ब्रह्म जानातीति ब्राह्मणः |
अतार्थ जन्म से मनुष्य शुद्र, संस्कार से द्विज (ब्रह्मण), वेद के पठान-पाठन से विप्र (विद्वान्)और जो ब्रह्म (ज्ञान और विज्ञान) जनता है वो ब्राह्मण कहलाता है |
ब्राह्मण का स्वभाव
शमोदमस्तपः शौचम् क्षांतिरार्जवमेव च |
ज्ञानम् विज्ञानमास्तिक्यम् ब्रह्मकर्म स्वभावजम् ||
चित्त पर नियन्त्रण, इन्द्रियों पर नियन्त्रण, शुचिता, धैर्य, सरलता, एकाग्रता तथा
ज्ञान-विज्ञान में विश्वास | वस्तुतः ब्राह्मण को जन्म से शूद्र कहा है । यहाँ ब्राह्मण को क्रियासे बताया है । ब्रह्म का ज्ञान जरुरी है । केवल ब्राहमण के वहा पैदा होने से ब्राह्मण नहीं होता ।
ब्राह्मणक्षत्रियविशां शूद्राणां च परन्तप। कर्माणि प्रविभक्तानि स्वभावप्रभवैर्गुणैः॥ [भगवद गीता अध्याय 18 श्लोक 41
अतार्थ - ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों के तथा शूद्रों के कर्म स्वभाव से उत्पन्न गुणों द्वारा (जन्म से नहीं) विभक्त किए गए हैं|
आजकल के समय में हर मनुष्य को शिक्षा का अधिकार है। परन्तु कुछ स्थानों पर आज भी जन्म के आधार पर जाती मानकर भेदभाव किया जाता है बेशक आदमी शिक्षित क्यों ना हो जो की हमारे समाज का बहुत ही गलत नजरिया है।
वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिया, वेश्या, शूद्र) के आधार पर उनके कर्मो और भेदभाव पर अगली पोस्ट में विस्तार से बताऊंगा।
English Translation
It is a matter of consideration that nature has made all humans equal. All human beings have been given the same intellect, and the body has been given the same, then how it has been divided into different castes or parts. On the basis of which logic, humans were divided. Let's try to know through Vedas.
Man is a Shudra by birth, a Dwij (Brahman) from a rite, a Vipra (a scholar) from a Pathan and reading of the Veda, and a Brahma (knowledge and science) who is known as a Brahmin.
Nature of Brahmin
Control over the mind, control over the senses, purity, patience, simplicity, concentration and
Belief in knowledge and science. In fact, a Brahmin has been called a Shudra from birth. Here the Brahmin is told by action. Knowledge of Brahma is important. only by born to a Brahmin's house is not a Brahmin
The deeds of Brahmins, Kshatriyas and Vaishyas and Shudras are divided (not by birth) by virtues arising from nature.
In today's time, every human has the right to education. But even today some places are discriminated against on the basis of birth, of course, why should a person be educated, which is a very wrong view of our society.
I will elaborate in the next post on their deeds and discrimination based on Varnas (Brahmins, Kshatriyas, prostitutes, Shudras).
Ryt g & v good 👌
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